गुरुवार, 2 अप्रैल 2020

लॉकडाउन का आठवां दिन

मैंने यूट्यूब में देखा कि लोग अपने-अपने लॉक डाउन के प्रति दिन के अनुभव साझा कर रहे हैं क्योंकि मैं यूट्यूब में अच्छा नहीं हूं और मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैंने अपने ब्लॉग के जरिए अपने अनुभव साझा करने की कोशिश की है। 
हालांकि मैंने पहले दिन से यह नहीं किया है लेकिन एक कहावत है जब जागो तभी सवेरा और वैसे भी मेरे अनुभव कुछ खास नहीं है फिर भी जो है मेरे हैं लॉकडाउन के आठवें दिन मैं सुबह देर से उठा हालांकि मेरे कुछ लक्ष्य थे। 
प्रथम व्यायाम ध्यान जो कि स्वास्थ्य से संबंधित थे दूसरा लक्ष्य मैंने कोई नई चीज सीखने के लिए निर्धारित कर रखा था हालांकि अभी तक मैं या निर्धारित भी नहीं कर पाया था कि मेरा दूसरा लक्ष्य यानी मुझे नया क्या सीखना है इसमें मेरा मानसिक और शारीरिक आलस्य का भी बड़ा योगदान है तो मैंने दूसरा लक्ष्य निर्धारित किया है मुझे अपनी मानसिक क्षमताओं को बढ़ाना होगा। 
अब यह कैसे होगा इसके लिए मैंने कई ऑनलाइन कोर्स देखे हैं जिन्हें में चुन सकता हूं लेकिन क्योंकि मेरे अंदर धैर्य बहुत कम है तो मैं पहले अपने मुफ्त संसाधनों का प्रयोग करना चाहूंगा जिसके लिए मेरे पास 2 किताबें हैं इनका में प्रतिदिन एक या दो अध्याय पढ़ लूंगा क्योंकि पूरी किताब एक बार में पढ़ने से आप उसके सार तत्व को अच्छी तरह से नहीं समझ सकते हैं और साथ में यह काफी बोझिल भी हो जाता है इसलिए प्रतिदिन सुबह एक या दो अध्याय ही मैं पढूंगा। 
इसके साथ ही कुछ मानसिक व्यायाम भी मै ढूंढ रहा हूं जो मैं आज चुन लूंगा और यह व्यायाम भी मैं प्रतिदिन करूंगा ऐसा करने के पीछे मेरा एक कारण है और वह यह है की चीजों को कम याद रख पाता हूं और मुझे ऐसा लगता है कि मुझे अपनी विश्लेषणात्मक क्षमता में और वृद्धि करने की जरूरत है जिसके लिए मैंने यह किया। इसे मैं आपसे साझा एक वजह से और भी कर रहा हूं ताकि मुझ पर एक मानसिक दबाव भी रहेगा आपसे परिणाम साझा करने का और साथ मै चाहता हूं कि लोग मुझसे लोग प्रेरित होकर अपनी मानसिक क्षमता में वृद्धि करके वह सफलता हासिल करें जिसके वह हकदार हैं इसके अलावा और भी बहुत सी योजनाएं हैं जो मैं एक के बाद एक आगे बढ़ा लूंगा जैसे कि बागबानी, ब्लॉगिंग, ध्यान, योग, व्यक्तित्व निर्माण आदि।
इसके अतिरिक्त मैंने 2 से 3 घंटे अपने लैपटॉप में ई बुक को व्यवस्थित करने में बिताया। मेरे पास लगभग 800 ई बुक जो पीडीएफ फार्मेट में हैं उपलब्ध है। यह सब इधर-उधर बिखरी हुई थी जिनमें से कई ईबुक में सही नाम ना होने की वजह से उनमें सही नाम अकिंत करना पडा। यह सब करके फोल्डर के अनुसार व्यवस्थित किया हालांकि अभी काम पूरा नहीं हुआ है।उम्मीद है आज हो जाएगा। रात को सोने के समय थोड़ा व्यायाम भी किया जिसमें वार्मअप और पुशअप शामिल है अभी मुझे रात को सोने में देर हो जाती है जिसे मैं बदलना चाहता हूं इस एक चीज को करने से मेरी दिनचर्या काफी व्यवस्थित हो जाएगी

शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

चश्मा कैसे खरीदे

चश्मा खरीदते समय हम अधिकतर फ्रेम  का ही ध्यान देते है जबकि हमें लेंस का भी ध्यान देना चाहिए यंहा मै स्वंय कुछ ना बता कर उन लिंक को बता रहा हूं जो  इसके बारे में विस्तार से और विश्वसनीय जानकारी देते है।

यह लिंक एक प्रतिष्ठित वेबसाइट का है जो आपको सभी जानकारी देता है।
https://www.allaboutvision.com/hi-in/eyeglasses/how-to-choose-lenses/

यह लिंक ऊपर दिये गये लिंक की वेबसाइट के होमपेज का है जिससे आप नेत्र संबधी सभी अन्य जानकारी प्राप्त कर सकते है।
https://www.allaboutvision.com/hi-in/

यह एक भाई द्वारा फॆसबुक पर लेंसकार्ट के पेज पर लिखा हुआ लेख है जोकि उनके आनलाइॅन खरीदारी के अनुभव बताते है मेरे हिसाब से ये पढना भी आपके लिए उपयोगी साबित होगा

https://www.facebook.com/Lenskartindia/posts/988338731228772/

यह सभी हिन्दी भाषा में इस विषय में मेरी सभी जिज्ञासा का समाधान करता है।

वैसे तो मै आनलॉइन खरीदारी काफी करता हूं जिसमें चश्में भी शामिल है पर मै आनलॉइन चश्में की खरीदारी से संतुष्ट नहीं हूं तो इस बार मै आफलॉइन खरीदारी करूंगा जिसकी जानकारी मे बाद में दूंगा

शुक्रवार, 22 नवंबर 2019

अमेजन एलेक्सा की खरीदारी

 यह अमेजॉन एलेक्सा है जिसे मैंने मैंने अमेजॉन फेस्टिवल सेल से खरीदा था 2199 रुपए मात्र में. यह एक स्मार्ट स्पीकर है जो कि जिससे आप ऑनलाइन म्यूजिक सुन सकते है इसके साथ ही आप इससे कई अतिरिक्त कार्य भी कर सकते हैं जैसे अलार्म सेट करना और नियत समय पर अलार्म के साथ म्यूजिक अपने आप शुरू हो जाना साथ ही रेडियो सुनना रिमाइंडर सेट करना न्यूज़ सुनना और भी कई काम हो सकते हैं. इससे आप होम ऑटोमेशन भी कर सकते हैं जैसे लाइट्स वॉइस कमांड के द्वारा स्विच ऑन और स्विच ऑफ भी कर सकते हैं इसके अलावा इससे स्मार्ट कैमरे भी कंट्रोल किए जा सकते हैं और स्मार्ट स्विच भी. इसके बहुत से अन्य उपयोग भी हैं जो आप इसको प्रयोग करने के दौरान धीरे-धीरे जानते हैं फिलहाल मुझे तो यह उपयोगी लगा है. मैं इसका प्रयोग अधिकतम म्यूजिक सुनने में करता हूं. मैं म्यूजिक अधिकतर अमेजॉन प्राइम म्यूजिक द्वारा ही सुनता हूं जिसमें पावर मंत्रा स्टेशन मेरा प्रिय है इसका वॉइस फीचर बहुत ही उन्नत है इसमें फुल वॉल्यूम के साथ गाने सुनने पर भी जब आप इसे एलेक्सा बोलते हैं तो यह आपके कमांड तुरंत प्राप्त करता है साथ ही इसकी बिल्ड क्वालिटी यानी कि निर्माण गुणवत्ता भी अव्वल दर्जे की है और इसका साउंड भी उच्च गुणवत्ता का है मुझे सेल में इसके साथ एक विप्रो स्मार्ट बल्ब भी मिला था जो कि मैं वॉइस कमांड द्वारा स्विच ऑफ स्विच ऑफ कर सकता हूं

रविवार, 11 नवंबर 2018

आत्मसम्मान

आत्मसम्मान एक ऐसा शब्द है जिसे हर इंसान को अपने अंदर जीवित रखना चाहिए जो इस शब्द की महत्ता को नही समझ सकता वो इंसान हमेशा पीछे और दूसरों पर आश्रित ही रह जायेगा अगर कठोर शब्दों में कहे तो दूसरों के टुकड़ों पर पलने वाला कुछ समय बाद दूसरों पर आश्रित व्यक्ति की यही कहानी और सच्चाई होती है. एक कहावत मुझे याद आ रही है "पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं" जो बिल्कुल सत्य है. अगर व्यक्ति इस सच्चाई को समय रहते नहीं चेत लेता है तो उसे समय इस सच्चाई का अनुभव करा देती है.

रविवार, 7 अक्तूबर 2018

सपनों और लक्ष्य में अंतर

अक्सर हम अपने लिए लक्ष्य तय करते है कि हमें क्या पाना है. खासतौर पर यह नए साल में होता है पर अक्सर देखा जाता है कि ज्यादातर लक्ष्य पाने की कोशिशे एक से दो महीने में ही दम तोड़ने लगती है. आखिर ऐसा क्यों होता है आज हम इसी पर चर्चा करेंगे.
ज्यादातर लोग सिर्फ सपने ही देखते है लक्ष्य नहीं तय करते और वो भ्रम में होते है कि यह हमारा लक्ष्य है जबकि वो उनका सपना ही होता है जो सपना ही रह जाता है और कभी पूरा नहीं होता है. सपने देखना गलत नहीं है सपने ही तो आधारशिला रखते है आगे की सफलता के लिए पर जरूरी है कि एक समय के बाद उन सपनों को लक्ष्य बनाया जाए.
अब बात करते है लक्ष्य और सपनों के बीच के अंतर के बारे में जैसे मैंने तय किया कि मुझे अपना वजन घटाना है तो इसे मै सिर्फ सपना ही कहूँगा क्योंकिं यंहा आपने अपनी कोई कार्ययोजना का निर्धारण नहीं किया है और ना ही इस कार्य के लिए कोई समय सीमा का निर्धारण. हाँ अगर आपने यह तय किया कि मै अपना वजन 10 किलो या 15 किलो या कुछ और 2 महीने में या कोई और समय सीमा में घटाना है तो यह आपका लक्ष्य हुआ.
कहने का मतलब लक्ष्य निर्धारण करते समय आप समय अवधि और लक्ष्य की मात्रा मतलब लक्ष्य की स्पष्टता भी तय करे. अब इस छोटी से बात का आपके लक्ष्य निर्धारण पर क्या प्रभाव पड़ेगा. तो जवाब है पड़ेगा दरअसल उसी दिन से आप लक्ष्य के बारे में सोचने लगेंगे की यह लक्ष्य कैसे पाया जाए. इसके लिए मै क्या करूँ.इससे आपका दिमाग भी कुछ हद तक आपको प्रेरणा देगा और सतर्क रखेगा अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए.
अगली पोस्ट में हम चर्चा करेंगे कि लक्ष्य तय करने के बाद कि प्रक्रिया के बारे में.