आज का रोजानामचा
आज दिन भर कोई काम नहीं था बस मै और मेरा लैपटॅाप । सवेरे से बस लैपटॅाप पर जुटा हुआ हूँ । बस वहीं फेसबुक, टविटर और ब्लागर और कुछेक मनपंसद ब्लागों पर दिन भर चहलकदमी चलती रही । सबसे पहले तो फेसबुक की अपनी आई ङी खोली । लोगों को हिन्दी दिवस की बधाईया दी तो सोचा कि चलो अपने कुछ खास ब्लागर मित्रों को उनके ब्लाग पर जाकर शुभकामननाए दी जाए पर अचानक मुझ पर व्रजपात सा हुआ जब बी एस पाबला कि प्रोफाइल पर गया तो देखता हूं कि उनकी प्रोफाइल पर शोक संदेशो का जाम लगा हुआ है जब पता किया तो पता चला कि पाबला जी पर असमय दुःख के बादल छा गये है उनके बेटे की आकस्मयिक मृत्यु हो गयी । सुन कर बङा ही दुःख हुआ पर कोई मन को समझाने के सिवा क्या कर सकता है । जब इस दुःखद घटना से बाहर निकला तो फिर आज बहुत दिन बाद अपने ब्लॅाग को अपङेट किया साथ ही उसकी थीम में भी थोङा बहुत बदलाव किया । अब ब्लॅाग आपकों एक नये लुक में देखने मे मिलेगा । बस अब नींद आ रही है तो मै सोने चला । आज की इस बेतरतीब लेखन के लिए माफी चाहता हूँ । आज मन किया कि कुछ भी लिखूँ इसलिए जो मन में था आज वही लिखा हैं ।
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