समय के नियोजन का अर्थ होगा, महत्वहीन विषयों मे समय ना गंवाना पडे, हर पल लक्ष्य को ध्यान मे रखकर कार्य करने की जागरूकता बनी रहे । इसी का नाम तो साधना है । यही मोक्ष मार्ग है । हर पल हमारी मर्जी से बीते, हमारे समय पर अनाधिकार चेष्टा ना चल पाए । हम वहीं करे, सुने, पढे, देखे जो हमारे लक्ष्य की पूर्ति करे । अन्यथा कार्यों को शत्रु मानकर, जीवनचर्या से बाहर निकालने का प्रयास करें । हमारे पास सदा समय रहेगा । कभी 'समय नहीं है' की समस्या नहीं आएगी ।
महान बनों और अन्य मनुष्यों में होने वाली महानता तुम्हारी सहायता से मिलने के लिए उठ खङी होगी ।
- लावेल
बालहंस पत्रिका से साभार
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