सरकार के "आधिकारिक अनुमान" के अनुसार देश में कम से कम 41 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें खाद्य सुरक्षा बिल के तहत भोजन दिया जाना अति-आवश्यक है…, जबकि अन्य 22 करोड़ ऐसे भी हैं जिन्हें एक वक्त का ही भोजन मिलता है। भूखे लोगों की यह जनसंख्या, 26 अफ़्रीकी देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है। जबकि संयुक्त राष्ट्र द्वारा किये अध्ययन एवं "विश्व भूख सूचकांक" के अनुसार 88 देशों में से भारत का स्थान 66 वां है… ========
परिवर्तन तब नहीं आता जब आपकी परिस्थितयाँ सुधरती है |परिवर्तन तब आता है जब आप अपनी परिस्थितियों को सुधारने का संकल्प ले लेते हैं |
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